रिश्ते जब बिगड़ते है तो विपत्ति लेकर आते है


जिन रिश्तो में प्यार मोहब्बत एहसास भावनाये नहीं हो वो रिश्ते कभी सफल रिश्ते नहीं हो सकते एक दूसरे के साथ बात चीत का न होना  रिश्तो के बिगड़ने का सबसे बड़ा प्रमाण होता है रिश्ते जब बिगड़ते है तो विपत्ति लेकर आते है इसलिए रिश्तो को बिगड़ने से बचने का हर सम्भव प्रयास करना  चाहिए | चाहे वो परिवार के हो दोस्ती के हो या पड़ोसियों के हो | 



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 रिश्ते एक दूसरे की हिम्मत होते है किसी के लिए कुछ करना न करना  अलग बात है  रिश्ते होने का एहसास तो कंधे पर हाथ रखने के अंदाज से ही हो जाता है  | यदि किसी से कोई  रिश्ता रखते है तो रिश्ता जताने की आवश्यकता नहीं है बल्कि वक्त आने पर दिल से  उसकी  हिम्मत बनने की जरूरत है | 



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 अक्सर लोग प्यार का अर्थ लगाने में बड़ी चूक कर जाते है किसी को किसी से प्यार उसकी धन दौलत  की वजह से होता है | किसी को मान सम्मान और प्रतिष्ठा  से होता है | किसी को सुख सुविधा से होता है परन्तु असली प्यार रूठने मनाने  मान जाने  मन की बात को बिना कहे समझ जाने से झलकता है | दिल से किये गए प्यार को कोई कितना भी छुपा ले वो छुप नहीं सकता और बिना मन के किये गए प्यार का कोई कितना भी दिखावा कर ले वो भी सामने आ ही जाता है प्यार का असली मजा है एक रूठे दूसरा मनाये परन्तु रूठने   और मनाने में जीवन जीना ही नहीं भूल  जाये लड़ाई से प्यार खत्म नहीं हो बल्कि प्यार से लड़ाई खत्म हो सोरी कह देने  से ही   गीले शिकवे दूर हो जाये ऐसे प्यार करने  वालो के पास जाने में  मुसीबते भी घबरा जाती है |


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बिना भावनाओ के रिश्ते कभी नहीं जुड़ सकते अपनापन प्यार दुःख दर्द महसूस करना और कराने  की भावना यदि मजबूत नहीं है तो रिश्ते कभी भी बिखर सकते है और यदि यही भावना मजबूत है तो जीवन के बड़े से बड़े तूफान भी रास्ता बदल कर निकल जायेगे जीवन में अच्छा बुरा समय हर व्यक्ति के साथ आता है उस बुरे वक्त को एक दूसरे की भावनाओ के सहारे  एक दूसरे की भावनाओ को समझ कर  आसानी से गुजरा जा सकता है |




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रिश्ते  नातो में यदि बात चीत का कोई माध्यम नहीं है तो ऐसे रिश्तों  का कोई अर्थ नहीं है वो रिश्ते सिर्फ नाम के रिश्ते होते है यदि रिश्तो में सलाह मशवरा न हो एक दूसरे की कमियों पर एक दूसरे की अच्छाइयों बुराइयों  पर एक दूसरे के गुणों  अवगुणो पर एक दूसरे की सही गलत बात पर बात चित नहीं होती है  तो ऐसे रिश्ते साइलेंट मोड़ पर हो जाते है | जो परिवार की उन्नति में बाधक होते है परिवार में नकारात्मक ऊर्जा का संचार करते है परिवार के बिखराव और दुर्दशा के लिए जिम्मेदार होते है  | इसलिए रिश्तो में बात क्युकी बात चीत चीत कभी बंद नहीं होने दे  क्योकि बात चीत  ही एक जरिया है जो बंद रास्तो को भी खोल देती है |  

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