कार ने बनाया बाल काटने वाले को अरबपति

                                             कार ने बनाया बाल काटने वाले  को  अरबपति 



अधिकतर लोग तुरंत कामयाबी चाहते है

इंसान यदि चाहे तो क्या नहीं कर सकता |  इंसान की लगन, मेहनत और धैर्य उसे कामयाबी दिलाने में  महत्व पूर्ण भूमिका निभाती है |  सब्र का फल हमेशा मीठा होता है |  परन्तु दुनिया में बहुत कम लोग है जो धैर्य रख पाते है |  अधिकतर लोग तुरंत कामयाबी चाहते है |  परन्तु ये उनकी गलत फहमी होती है |  कामयाबी हमेशा कई  दिनों की मेहनत के बाद दिखाई देती है |  कई  बार तुरंत कामयाबी मिल भी जाती है |  परन्तु ऐसी सफलता कुछ दिनों में असफलता में भी बदल जाती है, जो स्थाई  नहीं कही  जा सकती |

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 समस्याएं परेशानियाँ  आएगी लेकिन उनसे घबरायें नहीं

स्थाई सफलता हमेशा लम्बे समय में ही प्राप्त होती है |   किसी का लक साथ दे जाये  या किस्मत मेहरबान हो जाये  ये अलग बात है |  परन्तु यह भी बहुत कम लोगो के साथ होता है |  इसलिए  बड़ी कामयाबी के लिए किस्मत के भरोसे रहने या ख्याली पुलाव पकाने  के बजाय मेहनत, लगन, ईमानदारी से अपने लक्ष्य की तरफ बढ़ते जाये |  समस्याएं परेशानियाँ  आएगी लेकिन  उनसे घबरायें  नहीं  |  क्योकि  ये  भी  कामयाबी का ही हिस्सा होती है जिसे हर कोई नहीं   समझ पाता  है |    इनसे घबराकर कभी भी आप लक्ष्य को पूरा नहीं कर सकते |    चुनौतियों  का सामना करने से ही सफलता मिलती है |  समस्या आने पर ईर्ष्या ,द्वेषता, कुंठा कभी नहीं पाले |  दूसरो को दोष देना आपकी सबसे बड़ी नाकामयाबी  साबित करेगा  |

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 यदि कामयाब होना चाहते है तो लम्बी प्लानिंग करें

अपनी कमियां  ढूंढे, उनमें सुधार करें और  आगे बढ़ते जाएं |   अक्सर लोग एक दो साल की मेहनत में सफलता  मिलने की उम्मीद पाल लेते  है |  जो  बिलकुल गलत धारणा  है |  एक दो साल में तो पैदा होने के बाद  बच्चा ठीक से पैर  जमाना भी नहीं सीख  पाता  |  तो फिर एक दो साल में क्यों  इंसान बड़ी कामयाबी की उम्मीद पाल लेता है ? जिस तरह से मनुष्य का बचपन, जवानी, बुढ़ापा आता है |    ठीक उसी तर्ज पर कामयाबी भी आती है | यदि कामयाब होना चाहते है तो लम्बी प्लानिंग करें |   एक दो साल की नहीं |   आज हम आपको बताने जा रहे है ऐसे ही अरबपति  की कहानी जो बाल काटते काटते अरबपति बन गया |

 रमेश बाबू है बाल काटने वाले अरबपति

रमेश बाबू की कहानी बड़ी दिलचस्प है |   बाबू 1994  में अपने पिता के देहांत के बाद सेलून की दुकान पर बैठने लगे  धीरे- धीरे कुछ पैसो की बचत करके मारुती ओमनी कार खरीद  कर लाये |  उसे उन्होंने किराये पर देना शुरू किया धीरे- धीरे उन्होंने और भी कारे खरीदी और अपनी नाई की  दुकान भी संभालते रहे रमेश बाबू की लगन, धैर्य और मेहनत रंग लाई  और उन्होंने ट्रेवलिंग कम्पनी शुरू कर दी  |   इस कम्पनी ने   लक्ज़री कारे किराये पर  देना  शुरू कर दिया कई बड़े उद्योग पति  तथा सेलिब्रिटीज भी उनके कस्टमर है |  बस  धीरे धीरे उनके अरबपति बनने का सफर शुरू हो गया |  आज रमेश बाबू की गिनती बेंगलुरू के सबसे रईस  लोगो में की जाती है |  उनके पास 200  से ज्यादा कारे है जिसमे  बी एम डब्लू, रॉल्स रॉयस  जैसी लक्ज़री कारे भी   शामिल है  |  परन्तु रमेश बाबू आज भी अपनी दुकान पर बाल काटते  देखे जा सकते है |


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  किसी दूसरे की सफलता को हम बहुत हल्के में लेते है

इसी लिए कहा  जाता है सफलता के लिए शार्ट कट कभी नहीं अपनाये | बल्कि दूसरों  की सफलता से प्रेरणा लें  ये अंदाजा लगाए की उन्होंने सफल होने के लिए कितना धैर्य, कितना परिश्रम, कितनी सहनशीलता का परिचय दिया होगा  |  कितनी परेशानियाँ  सही होगी,  कितनी ठोकरें  खाई होंगी  |   किसी दूसरे की सफलता को हम बहुत हल्के में लेते है  |  सिर्फ उसकी  अमीरी के दिनों से उसकी कामयाबी का आंकलन करते है |  उसके अच्छे दिनों से या उसके उजले पक्ष को देखकर बहुत जल्द कामयाब होने के लिए उससे गुर सिखने की कोशिश करते है  |   परन्तु यह कोई नहीं  चाहता की एक कामयाब इंसान की तरह भूखे- प्यासे रह कर, सड़कों  पर रात गुजार कर, लोगों  के ताने सुन कर सफलता अर्जित की जाए | 

नींद आये तो काँटों पर भी रात गुजारनी पड़े तो गुजारे

जबकि असली सफलता के लिए इंसान को इसी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है |   जिस व्यक्ति को भूख - प्यास और लोगों  के तानो की चिंता ने घेर लिया वह  अपने कदम सफलता कि  तरफ नहीं  असफलता की  तरफ  बढाता   है | इसलिए कामयाब होना चाहते है तो भूख लगे तो जो मिल जाये वो खा ले  | नींद आये तो काँटों पर भी रात गुजारनी पड़े तो गुजारे |  लोगों  को ईंट  का जवाब पत्थर से नहीं बल्कि प्यार  मोहब्बत   से देना सीखें  |   कोई भी कामयाब इंसान कामयाबी का ऐसा गुर नहीं बता सकता जिससे  रातों  रात सफलता हासिल की जा सके | वो यही प्रेरणा देगा कि  ठोकर खाये बगैर, धैर्य, लगन , परिश्रम और सहनशीलता के बिना कभी भी इंसान ऊंचाइयों को नहीं छू सकता |  वो यही सलाह देगा किसी को नीचे  गिरा कर कभी भी ऊपर नहीं उठा जा सकता |




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