सत्य अपने आप में खुद जीवन का बहुत बड़ा आनंद होता है
सत्य कभी छुपता नहीं है चाहे आप उसे कितना ही छुपा लें कभी ना कभी सामने आ ही जाता है | ख़ास कर जब हम अपनों से सच्चाई छुपाते है | और वह सामने आ जाती है तब हमे झूठ बोलने का मलाल भी होता है | और सत्य ना बताने का दुःख | कभी- कभी हम सत्य को भी लड़ाई झगड़े की तरह चीख- चीख कर बोलते है | जीवन को यदि सुख शांति से जीना चाहते है तनाव मुक्त रहना चाहते है मान सम्मान पाना चाहते है तो इन बिन्दुओ का रखे ख्याल |
1 किसी के प्रति मन में बैर भाव नहीं रखें
जीवन में कई क्षण ऐसे आते है जब हम किसी का बुरा करने की सोचते है | यह एक कटु सत्य है परन्तु इसे स्वीकारने के लिए बहुत बड़ा कलेजा चाहिए | अपना कलेजा बड़ा करे और यदि किस के प्रति भी मन में बैर हो ,कुंठा हो सही गलत को भूल कर बैर भाव त्यागे | जीवन तनाव मुक्त और आसान हो जायेगा | जीवन का आनंद आ जाएगा
2 जीवन को आसान बनाकर लें आनंद
अक्सर लोग परम्पराओं और आदर्शो की बेड़ियों में अपने आप को जकड़े होते है | कसावट इतनी हो जाती है की दर्द से रिश्ते तिलमिला उठते है | परम्पराये और आदर्श भी एक सीमा तक जायज़ कहे जा सकते है | जरूरत से ज्यादा सिद्वान्तवादी होना भी दुखो का एक बड़ा कारण हो सकता है | इसलिए जीवन को आसान बनाकर जीने का आनंद लें | जो लोग जीवन को आसान बनाना जानते है जीवन का असली आनंद तो ऐसे ही लोग उठाते है बाकी तो गधा हम्माली करते हुए ही जीवन गुजारते है
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3 सुख सुविधाओं के आदि नहीं बने
सुख सुविधाओं का जीवन हर किसी को अच्छा लगता है परन्तु अभावो में भी जीवन जीने का आनंद लेना चाहिए | खास कर बच्चो को हर छोटी चीज़ का आदि नही बनाना चाहिए | उन्हें कभी - कभी बिना सुविधओं के भी जीवन जीने का अभ्यास कराना चाहिए | इसके लिए बच्चो को प्रेरित करना चाहिए |
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4 अपनी गलती कभी दूसरो पर नहीं थोपें
अपनी गलती को कभी दूसरो पर नहीं थोपना चाहिए अक्सर लोग नुकसान से बचने या अपने आप को सही साबित करने के लिए दूसरो पर गलती थोप देते है | दूसरो पर गलती थोपकर हमारी नजरो में हम अपने आप को सही साबित कर खुश हो लेते है परन्तु ये बात नहीं समझ पाते है की न जाने कितने अनगिनत लोग हमारे व्यवहार को नोटिस कर रहे है | न जाने कितनी आँखे हमारी गतिविधि को देख रही है आज भले ही लोग हमे नजरंदाज कर दे लेकिन समय आने पर एक- एक पल का हिसाब किताब सामने रखा जाता है |
5 सत्य अपने आप में खुद बहुत बड़ा आनंद होता है
हमेशा तर्क संगत बात करें बात अपनी हो या अपनों की स्वार्थ और लालच में आकर कभी बात नहीं करे | विरोधी की तर्क संगत बात का समर्थन करे | अपनी बात कभी भी अँधेरे में तीर मारने के समान नहीं कहे | सच को कभी याद रखने की जरूरत नहीं पड़ती हर बात को लिखा भी नहीं जा सकता | इसलिए हमेशा सच बोलने का प्रयास करें | सच को चीखने चिल्लाने के लिए ताकत की जरूरत नहीं पड़ती | कोई माने या न माने सच को हमेशा कोमलता से बोलना चाहिए क्यों की सत्य अपने आप में खुद जीवन का बहुत बड़ा आनंद होता है |
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