क्यों पड़ जाते है अक्सर लोग जीवन के धर्म संकट में life mantra

 क्यों पड़  जाते है अक्सर लोग जीवन के  धर्म संकट में  life mantra

धर्म का अर्थ शायद हम समझ नहीं पा रहे हैं और यही वजह है की अक्सर लोग धर्म संकट में पड़ जातें हैं | अपने जीवन को सही तरीके से ता उम्र नहीं जी पाते हैं | जीवन का आनंद नहीं ले पाते हैं | 

life mantra धर्म और जीवन दोनों एक दूसरे के सहयोगी हैं

 जो लोग धर्म और जीवन को नहीं समझ पाते वो अपने जीवन को बेड़ियों में उलझा कर उसे अपने धर्म का पालन करना समझतें हैं | जबकि कोई भी धर्म यह नहीं कहता की धर्म के पालन के लिए अपने आप को या दूसरों को दुःख पहुंचाओ | 


https://goo.gl/images/WojLyk
अक्सर हम अपने आप को या दूसरों को बेवजह आसान जीवन जीने की जगह कठिन जीवन जीने की सलाह देने को अपना धर्म समझतें हैं जीवन के नियम कायदे हम अपने आप को मुसीबत से बचने के लिए बनाते हैं, हमारी व्यवस्थाओं को सुचारु रूप से चलाने के लिए तथा  हमारी आत्मसंतुष्टि के लिए बनाते है | 

https://goo.gl/images/NSDH9V

  life  mantra क्यों कर लेते हैं हम  जिंदगी के आनंद को ख़त्म ?

धार्मिक ग्रन्थ चाहे वो किसी भी धर्म से सम्बंधित हो यह सन्देश नहीं देता की धर्म के नाम पर लोग दंगे फसाद करे एक दूसरे के खून के प्यासे हो जाएं गीता कुरान बाइबल गुरुग्रन्थ या कोई भी धार्मिक पुस्तक जातिगत भेदभाव नहीं करती , चोरी अन्याय की तरफदारी नहीं करती, पर्यावरण को प्रदूषित करने के उपाय नहीं बताती , स्त्री पुरुष के मर्यादा को नहीं तोड़ती , पुरुष के प्रति स्त्री और स्त्री के प्रति पुरुषों के सम्मान को ठेस पहुंचाने वाली किसी बात का समर्थन नहीं करती | फिर क्यों हम अपने आप को धार्मिक कहने के बाद भी इन सभी बातों से अनजान बने रहकर सारी ज़िंदगी इन्ही बातों में उलझकर जिंदगी के आनंद को ख़त्म कर लेते हैं ?

https://goo.gl/images/GF3BJo

 life  mantra असल में हम  सिर्फ हमारे स्वार्थ पर गौर करतें हैं

 अपने अपने धर्मों के प्रति तो सावधन होना चाहतें हैं लेकिन जो एक मानवीय धर्म है उसकी जब हम बात करते हैं तो वहाँ हमारे स्वार्थ आड़े आने लगते हैं फिर न हम हमारे धार्मिक ग्रंथों पर गौर करते हैं न हमारे सामाजिक नियमों पर वहां हम सिर्फ हमारे स्वार्थ पर गौर करतें हैं की किसी तरह से वो हो जाए जो हम चाहतें हैं फिर हम मानवता भूल जातें हैं, सदभावना भूल जातें हैं, मर्यादा भूल जाते हैं, अच्छा बुरा भूल जातें हैं, गीता कुरान बाइबल के सन्देश भूल जातें हैं | 

https://goo.gl/images/eBQBsB

 life  mantra स्वार्थ के नाम पर जो धार्मिक ,आर्थिक, सामाजिक  बेड़ियाँ बाँधी हुई है उन्हें खोल कर रखें 

धर्म का असली रूप देखना चाहतें हैं तो हमारे जीवन में हमने स्वार्थ के नाम पर जो धार्मिक ,आर्थिक, सामाजिक  बेड़ियाँ बाँधी हुई है उन्हें खोल कर रखें हर मनुष्य के प्रति सदभावना रखें पुरुष स्त्री के प्रति और स्त्री पुरुष के प्रति सदभावना रखें जीवन और धर्म को एक साथ जोड़कर देखें गीता कुरान बाइबल को समझें सभी का सार एक ही है सभी प्रेम मानवता और सदभावना का सन्देश देतें हैं इसलिए धर्म कोई भी अपनाये लेकिन उनके प्रेम मानवता और सदभावना के संदेश पर गौर अवश्य करें |

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

बेटी हिंदुस्तान की

आधुनिक और प्राचीन जीवन का असमंजस

मनुष्य एक प्राकृतिक उपहार है लेकिन मशीनी होता जा रहा है