क्या mummy papaके लिए चुनौती है child education
क्या mummy papaके लिए चुनौती है child education
बच्चों को शिक्षा दिलाने में mummy papa की भूमिका के साथ- साथ प्राथमिक शिक्षा की भूमिका भी महत्त्वपूर्ण होती है | हम शायद बहुत बड़ी भूल कर रहे है | कई mummy papa आज प्राथमिक शिक्षा का सही अर्थ नहीं समझ पा रहे है | प्राथमिक शिक्षा का अर्थ शिक्षा दिला देना नहीं है | प्राथमिक शिक्षा का सही अर्थ है बच्चों को शिक्षा लेने के लिए प्रेरित करना, शिक्षा प्राप्ति के लिए तैयार करना | लेकिन प्राथमिक शिक्षा को हमने माध्यमिक शिक्षा का दर्जा दे दिया है |
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यही वजह है कि बच्चे के बचपन को हम स्कूलों को समर्पित कर रहे है | जो शिक्षा बच्चो को घर की पाठशाला में मिलनी चाहिए वो भी हम स्कूल के भरोसे छोड़े हुए है | बच्चों की शिक्षा के लिए स्कूलों की जवाब देही से इंकार नहीं किया जा सकता लेकिन जो काम हमे घर की पाठशाला में करना चाहिए उसकी भी अपेक्षा अधिकतर पेरेंट्स स्कूलों से करने लगे है | छोटी उम्र मे बच्चे का बचपन घर के माहौल में बीतना चाहिए परन्तु क्या यह mummy papa के लिए चिंता जनक नहीं होना चाहिए कि आज बच्चे का बचपन स्कूली वातावरण और बसों में चढ़ते उतरते बीत रहा है ? क्या इस उम्र में बच्चों के द्वारा किया जा रहा शारीरिक और मानसिक परिश्रम के परिणाम मानसिक विकृतियों , झूठ बोलने की प्रवृतियों , अनावश्यक तनाव और गुस्से के रूप में सामने नहीं आने लगे है ?
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आज बच्चो के साथ या बच्चो के द्वारा कई घटनाये ऐसी घटित की जा रही है जिनसे ये अंदाजा लगाया जा सकता है की इन घटनाओ का मुख्य कारण शिक्षा का बढ़ता दबाव या शिक्षा के प्रति अरुचि है | प्राथमिक शिक्षा के बदले अधिकतर mummy papa प्राथमिक शिक्षा की उम्र में बच्चो से उच्च प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा की अपेक्षा करने लगे है | वे यह बात भूल जाते है कि हर बच्चे की क्षमता अलग होती है, स्वभाव अलग होता है, यह उम्र और परिस्थितियों के हिसाब से बदलते रहते है | कुछ चीजे हम बच्चो पर जबरदस्ती थोप रहे है | आज के इस प्रतिस्पर्धी युग में हम बच्चो के स्वभाव और क्षमता को जाने बिना अपने बच्चो को दूसरे के बच्चो से आगे निकालने की दौड़ में उन्हें चलना सिखाने की उम्र में दौडने पर मजबूर कर रहे है | सोचे, जो बच्चा ठीक से खड़ा नहीं हो पा रहा है उसे आप दौड़ाना शुरू करेंगे तो उसके परिणाम क्या होंगे?
कही शिक्षा के लिए समाज तो नहीं बदल रहा है ← click to read
यदि mummy papa अपने बच्चे को अन्य बच्चों से आगे निकालना ही चाहते है तो उम्र के हिसाब से चलना सीखने में मदद करे, दौड़ना तो वह खुद- ब- खुद सीख जायेगा | यह सही है कि आज के इस प्रतिस्पर्धी युग में बच्चों की शिक्षा मम्मी पापा के लिए चुनौती बनती जा रही है | लेकिन बच्चों के स्वास्थ्य, उनके शारीरिक और मानसिक विकास का ध्यान रखना भी तो mummy papa की ही जिम्मेदारी है | क्या आप के जहन में शिक्षा प्रणाली, शिक्षा व्यवस्था ,महंगी होती शिक्षा, बच्चों की शिक्षा का बढ़ता दबाव जैसे सवाल नहीं उठ रहे है ? यदि हाँ तो हमे कमेंट्स बॉक्स में अवश्य लिखे |क्या mummy papaके लिए चुनौती है child education ? छोटे बच्चों पर शिक्षा के बढ़ते बोझ पर हमारा यह लेख आपको कैसा लगा अपने अमूल्य सुझाव हमे अवश्य दे आर्टिकल यदि पसंद आया हो तो like, shareकरें |
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