be positive think positive | negative चीजों को कैसे positive बनाया जाता है | इस कला में भी माहिर होना पड़ेगा |

be positive think positive 

negative चीजों को  कैसे positive  बनाया जाता है  इस कला में भी माहिर होना पड़ेगा 


positive सोच जहाँ  हौसला बढ़ाती है  खुशहाली लाती  है   प्यार मोहब्बत, अपनेपन का एहसास कराती  है |  वहीं  negative सोच  नफरत , कुंठा , घृणा पैदा करती है | ऐसा नहीं है की पॉजिटिव सोच रखने वाले लोग दुनिया में बचे ही नहीं है | 


 positive सोचने वालो से आज भी  दुनिया भरी पड़ी है | लेकिन  काम सिर्फ पोसेटिव सोचने भर  से नहीं चलेगा |  बल्कि  negative सोच को भी  पोसेटिव  सोचने के लिए  मजबूर करना पड़ेगा | ऐसा नहीं है की पोसेटिव सोचने वाले लोग  घर परिवार समाज  में है ही नहीं | या हर व्यक्ति सिर्फ नेगेटिव ही  सोचता है |


 दुनिया में आज हर व्यक्ति तनाव ग्रस्त जीवन जी रहा है कहीँ अपनों की वजह से कहीं  परायो  की वजह से |   परेशानियाँ  समस्याएं हर कहीं  अम्बार लगाए हुए खड़ी है |   कोई व्यक्ति ऐसा नहीं है जिसे समस्याओं  का सामना नहीं करना पड़ रहा है |   किसी के सामने आर्थिक समस्या है, किसी के सामने शारीरिक समस्या है,  तो किसी के सामने परिवारिक और सामाजिक समस्या खड़ी है | 
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 be positive think  positive

 कोई युग ऐसा नहीं है जब लोगों  को समस्याओ का सामना नहीं  करना पड़ा हो |  समस्या आना समस्या नहीं है | समस्या है positive नहीं सोच पाना या नेगेटिविटी को पोसेटिविटी में कन्वर्ट नहीं कर पाना |  घर परिवार समाज में अधिकतर परेशानियाँ  खड़ी होती है सिर्फ एक पहलू पर सोचने की वजह से | घर परिवार समाज में बहुत कम  लोग होते है जो दोनों  पहलुओं पर विचार कर पाते है  | 


हर व्यक्ति अपने आप को समझदार साबित करने  में  लगा रहता है | उसके लिए सिर्फ वो एक ही पहलू  पर अपना ध्यान गड़ाए रहता है |  बहुत कम लोग होते है जो दोनों पहलुओं पर ध्यान लगाते है |  जो लोग पोसेटिव सोच रखते है  वो दोनों  पहलुओं यानि पॉजिटिव और नेगेटिव पक्ष को  सोच कर  नेगेटिव पक्ष को भी  पोसेटिव  बनाने  की क्षमता रखते है | 

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जबकि अधिकतर लोग भले ही  positive सोचते हो परन्तु नेगेटिव को जब तक पॉजिटिव  बनाने  की क्षमता नहीं रखते उनकी पोसेटिव सोच भी किसी काम की नहीं  रह पाती  |  यही वजह है की  जो लोग भले ही पोसेटिव सोचने की बात करते हों  negative पक्ष  को पोसेटिव  बनाने की कला नहीं जानते वो कितना ही पोसेटिव सोचे  समाज, घर, परिवार में पोसेटिव माहौल बना ही नहीं  पाते | 


इसलिए सिर्फ  काम positive सोच रखने से नहीं  चलेगा  negative चीजों को  कैसे पोसेटिव  बनाया जाता है  इस कला में भी माहिर होना पड़ेगा  तब कहीं  घर, परिवार ,समाज को सुधार कर लोगो के तनाव  को कम किया जा सकेगा   |  be positive think positive 

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